लाख मैंने बचाया था दिल को मगर
काम कर ही गयी उसकी क़ातिल नज़र
काम कर ही गयी उसकी क़ातिल नज़र
"जलते हुए दिल को और मत जलाना,
रोती हुई आँखों को और मत रुलाना,
आपकी जुदाई में हम पहले से मर चुके है,
मरे हुए इंसान को और मत मारना."
रोती हुई आँखों को और मत रुलाना,
आपकी जुदाई में हम पहले से मर चुके है,
मरे हुए इंसान को और मत मारना."
पुराने जमाने में जब कोई अकेला बैठकर
हंसता था, तो लोग कहते थे... कि इसपर कोई भूत- प्रेत का सांया है..!! आज
कोई अकेले में बैठकर हंसता है तो कहते हैं... मुझे भी SEND कर दे भाई...
कीतनी प्यारी होती है वो लडकीया, खुबसुरत होकर भी Attitude नही खाती..
: कुछ यूँ होगा “बादशाहत” का नज़राना हमारी कि पूरा शहर आएगा बंद “आखें ” देखनी हमारी
जगा इतके की, आयुष्य कमी पडेल.. हसा
इतके की, आनंद कमी पडेल.. काही मिळाले किवा नाही मिळाले.. तो नशिबाचा खेळ
आहे... पण, प्रयत्न इतके करा की,परमेश्वराला देणे भागच पडेल..
🏻
शुभ सकाळ
🏻
फकीर मिज़ाज़ हूँ मैं, अपना अंदाज औरों से जुदा रखता हूँ..
लोग मंदिर मस्जिदों में जाते है, मैं अपने दिल में ख़ुदा रखता हूँ..
लोग मंदिर मस्जिदों में जाते है, मैं अपने दिल में ख़ुदा रखता हूँ..
झुमने लगते है शायरी के अल्फाज मेरे.......,लिखना शुरु करता हुँ,जब उन्हेँ सोचकर........!
काश। एक ख्वाहिश पूरी हो इबादत के बगैर।।।
वो आकर गले लगा लें...मेरी इजाज़त के बगैर।।।
वो आकर गले लगा लें...मेरी इजाज़त के बगैर।।।
शायरी और शराब
ओर कुछ नहीं,
मेरी
🏻जान...
ये तो खुबसूरत तोफें है...
तेरी
मुहाँब्बत के..
ओर कुछ नहीं,
मेरी
ये तो खुबसूरत तोफें है...
तेरी
दर्द कितना खुशनसीब है
जिसे पा कर लोग अपनों को याद करते हैं,
दौलत कितनी बदनसीब है
जिसे पा कर लोग अक्सर अपनों को भूल जाते है ।
जिसे पा कर लोग अपनों को याद करते हैं,
दौलत कितनी बदनसीब है
जिसे पा कर लोग अक्सर अपनों को भूल जाते है ।
रात तकती रही आंखो मे दिल आरजू करता रहा
कोई बे सबर रोता रहा कोई बे खबर सोता रहा
कोई बे सबर रोता रहा कोई बे खबर सोता रहा
माफ़ी गल्तियों की होती है .
.धोखे की नही
बडी देर करदी उसने मेरा दिल तोडने मे.
न जाने कितने शायर आगे चले गये.
न जाने कितने शायर आगे चले गये.
प्यार की कमी को पहचानते हैं हम,दुनिया के गमों को भी जानते हैं हम, आप जैसे दोस्त का सहारा है,तभी तो आज भी हंसकर जीना जानते हैं हम.
टूट जायेगी तुम्हारी ज़िद की आदत उस दिन,जब पता चलेगा की याद करने वाला अब याद बन गया..
मैं “किसी से” बेहतर करुं…क्या फर्क पड़ता है..!मै “किसी का” बेहतर करूं…बहुत फर्क पड़ता है..!!
जिस रोज तेरे चाहने वालो को तू बेहद बुरी लगेगी, उस दिन भी तू हमे बेहद खूबसूरत लगेगी !